DIFFERENCE BETWEEN DANCER, PERFORMER & CHOREOGRAPHER - डांसर,परफ़ॉर्मर & कोरियोग्राफर में क्या अंतर होता है
डांसर, परफ़ॉर्मर & कोरियोग्राफर तीनो की अपनी अपनी अलग भूमिका होती है किसी भी इवेंट में तीनो के अपने काम अलग है, तीनो के प्रेजेंट करने का तरीका अलग होता है तीनो की जर्नी अलग तरीके से होती है चलो तीनो की जर्नी को डिटेल्स में समझते है की आप कैसे इन में से क्या बनना कहते हो और उसकी जर्नी कैसे कम्पलीट की जाएगी।
DANCER - डांसर
डांसर डांस परफार्मिंग आर्ट जर्नी का पहला पड़ाव (level ) होता है यहाँ पे आपकी लर्निंग जर्नी स्टार्ट होती है बतौर डांसर, जिसकी सुरवात होती है अपने डांस की मूवमेंट को सीखना और अलग अलग डांस स्टाइल्स सीख के अपनी स्किल्स को डेवेलोप करना जिसमे आप इंडियन क्लासिकल, बॉलीवुड और वेस्टर डांस स्टाइल कोई भी चूज कर सकते है अपने इंटरेस्ट के अनुसार।
हम इंडियन डांस के 2 भाग पढ़ेंगे लोक नृत्य & शास्त्रीय नृत्य
1. लोक नृत्य
2. शास्त्रीय नृत्य
वेस्टर्न डांस
बॉलीवुड डांस हम सबको अच्छा लगता ही है और हम सब इसको एन्जॉय भी अच्छे से करते है।
बॉलीवुड डांस में अब कोरियोग्राफर वेस्टर्न डांस की मूवमेंट्स को ऐड करते है हमारा बॉलीवुड क्लासिकल और वेस्टर्न डांस स्टाइल्स से मिक्स डांस है जिसकी डिटेल्स हम आगे अच्छे से समझेंगे।
वेस्टर्न डांस में सबसे फेमस डांस स्टाइल और सबसे पॉपुलर डांस जो सबको अच्छा लगता है वो है हिप हॉप।
पर हम वेस्टर्न डांस में हिप हॉप, बैले, कंटेम्पररी, जैज़, ब्रेकिंग, लैटिन डांस और बहुत से डांस स्टाइल्स के बारे में जानेंगे, जिन स्टाइल्स पर आप काम कर सकते है।
इन सबक डांस स्टाइल्स बारे में हम डिटेल्स में पढ़ेंगे आगे आने वाले चैप्टर्स में। जिसमे आपको इंडियन & वेस्टर्न डांस की पूरी थ्योरी एंड वीडियोस मिलेंगी।
Performer - परफ़ॉर्मर
परफ़ॉर्मर एक वह आर्टिस्ट होता है जो अपनी लर्निंग स्किल्स को बिल्ड करके अलग अलग स्टेजेस पर परफॉरमेंस करता है एक परफ़ॉर्मर का काम एक कोरियोग्राफर की इमेजिनेशन को ऑडियंस तक पहुंचना होता है जिसमे एक डांस परफ़ॉर्मर को अपने कोरियोग्राफर के अनुशार स्टेज में परफॉर्म करना होता है डांस परफ़ॉर्मर, डांसर का अपग्रेड वर्शन होता है एक डांसर जहा स्टूडियो में डांस की स्किल्स को सीख के स्टेज का सफर तय करता है तब वह परफ़ॉर्मर बनता है जिसमे वो डांसर वह सभी चीजे सीखता है, कि कैसे वह अपनी डांस की स्किलस को ऑडियंस तक पहुंचाता है। एक परफ़ॉर्मर का काम होता है अपने कोरियोग्राफर के आईडिया को स्टेज के द्वारा पहुंचना, जिसमे परफ़ॉर्मर अपने कोरियोग्राफर द्वारा सेट किये गए प्रॉप्स, म्यूजिक, कांसेप्ट सभी के ऊपर बहुत अचे तरीके से काम करता है। एक परफ़ॉर्मर को स्टेज पर जाने से पहले सभी चीजों की प्रैक्टिस अच्छे से करनी होती है जो की स्टेज में जाके कोई गलती न हो और ऑडियंस तक परफॉरमेंस का क्लियर सन्देश पहुंच सके।
Choreographer - कोरियोग्राफर
कोरियोग्राफर - डांसर और परफ़ॉर्मर की हायर स्टेज कहलाती है, कोरियोग्राफर वह सक्श होता है जो पुरे इवेंट को मैनेज करता है। कोरियोग्राफर का काम होता है इवेंट के अकॉर्डिंग परफॉरमेंस रेडी करवाना डांसर को स्टेज पे परफॉर्म करवाना, इवेंट के अकॉर्डिंग थीम,गाने, प्रॉप्स, लाइट,स्टेज, costumes, और कोरियोग्राफी को सेट करना और डांस परफॉरमेंस करवाना। एक कोरियोग्राफर डांसर और परफ़ॉर्मर वाले फेज से स्टडी करके एक कोरियोग्राफर बनता है जहा पहुंचने के लिए एक डांसर और परफ़ॉर्मर ने बहुत सालो की मेहनत की होती है हज़ारो कोरियोग्राफरस के अंदर परफॉर्म करके चीजे सीखी होती है तब जाके एक डांसर और परफ़ॉर्मर कोरियोग्राफर बनता और कहलाता है।
** डांसर को सिर्फ डांस पर फोकस करना होता है, परफ़ॉर्मर को डांस कोरियोग्राफी, स्टेज ऑडियंस से जुड़ा रहना होता है अपनी परफॉरमेंस करते हुए, कोरियोग्राफर को सभी चीजों पे फोकस करना होता है किस डांसर को कहा और कैसे यूज़ करना है, कौन सा परोप यूज़ करना है किस समय स्टेज पे कौनसी लाइट होनी चाहिए, ऑडियंस को कैसे परफॉरमेंस से जुड़े रखना है सभी चीजों पे चोरोगरपहर फोकस करता है।
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